A REVIEW OF HINDI STORY

A Review Of hindi story

A Review Of hindi story

Blog Article

इतालो काल्विनो की कहानी : 'थेफ्ट इन केक शॉप' जो आज की अर्थनीति से बनाए-गढ़े जानेवाले समाज का एक महत्वपूर्ण क्रिटीक है, 'कफ़न' की बेतहाशा याद आती है.

सभी जानवरों ने इंसानो से मदद मांगी और इस नतीजे पर पहुंचे कि मोर की वजह से का-संगी को आसमान से अपनी गर्मी बरसाने का समय नहीं मिल रहा है। इसलिए मोर को वापस धरती पर लाना सभी के लिए जरूरी है। उन्होंने एक बूढ़ी औरत की मदद से पृथ्वी को बचाने के लिए एक और तरकीब लगाई और मोर को आकर्षित कर वापिस धरती पर आने के लिए मजबूर कर दिया। 

अब्दुल को दूर से देखकर झटपट दौड़ उसके पास पहुंच जाया करती थी।

उत्तरा नाम के एक गाँव में कुसलनाथ नाम का एक पुजारी अपनी पत्नी और छह बेटों के साथ रहता था। वह धनी-मानी व्यक्ति था लेकिन कुछ दुर्भाग्य के कारण उसे पैसों की समस्या होने लगीं। स्थिति इतनी खराब थी कि पुजारी को जीवन यापन के लिए अतिरिक्त काम करने पड़े। वह जंगल से बांस की लकड़ी इकट्ठा करता था। एक दिन उसने जंगल की आग में फंसे एक छोटे से नाग को देखा। जैसे ही उसने नाग को बचाया, उसने उसे काटने की कोशिश की। इसके बाद पुजारी रोने लगा। नाग ने महसूस किया कि पुजारी सिर्फ उसकी मदद कर रहा था और उसे काटना गलत था। उसने अपने परिवार की भलाई के लिए पुजारी को दो रत्न भेंट किए। पुजारी ने फिर उसी स्थान पर नाग के सम्मान में एक छोटा मंदिर बनवाया।

सबसे अच्छा घर – The Best House Of All Hindi – A book that can inspire and instruct long run get more info architects about diverse varieties of residences and what types of houses are suited to a specific spot.

एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद

उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी। काफी प्रयत्न कर रही थी, किंतु वह रस्सी से बंधी हुई थी।

(एक) “ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे?” कहता हुआ एक पंचवर्षीय बालक बाबू रामजीदास की ओर दौड़ा। बाबू साहब ने दोंनो बाँहें फैलाकर कहा—“हाँ बेटा, ला देंगे।” उनके इतना कहते-कहते बालक उनके निकट आ गया। उन्होंने बालक को गोद में उठा लिया और उसका मुख विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक'

रामकृष्ण परमहंस उस वृक्ष के नीचे गए और विषधर को बुलाया। विषधर क्रोध में परमहंस जी के सामने आंख खड़ा हुआ। विषधर को जीवन का ज्ञान देकर परमहंस वहां से चले गए।

इमेज कैप्शन, मन्नू भंडारी ने 'यही सच है', 'अकेली' और 'मैं हार गई' जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ लिखीं.

माँ को अपने बेटे, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे सुदर्शन

जंगल में सुंदर-सुंदर हिरण रहा करते थे। उसमें एक सुरीली नाम की हिरनी थी। उसकी बेटी मृगनैनी अभी पांच महीने की थी। मृगनैनी अपनी मां के साथ जंगल में घूमा करती थी।

कुछ बड़ा कर गुजरने की कोई आयु नहीं होती। अपनी प्रतिभा से समाज को भी बदला जा सकता है।

" किरन अभी भोरी थी। दुनिया में जिसे भोरी कहते हैं, वैसी भोरी नहीं। उसे वन राधिका रमण प्रसाद सिंह

Report this page